देश में पहली बार गर्भावस्था में पहनावे, खानपान की होगी पढ़ाई, लखनऊ यूनिवर्सिटी शुरू करेगा 'गर्भ संस्कार' में डिप्लोमा कोर्स


 




देश में पहली बार गर्भावस्था में पहनावे, खानपान और कैसा संगीत सुने कि भ्रूण का विकास बेहतर हो, इसकी पढाई कराई जाएगी। लखनऊ यूनिवर्सिटी जल्द ही 'गर्भ संस्कार' में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेगा। पुरुष भी इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकेंगे। इंस्टिट्यूट ऑफ वीमेन स्टडीज इस कोर्स को आयोजित करेगा। 


यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जो राज्य के विश्वविद्यालयों की कुलपति भी हैं, ने प्रस्ताव के बाद यह फैसला लिया गया है। उन्होंने प्रशासन के समक्ष लड़कियों को माताओं के रूप में उनकी संभावित भूमिका के लिए प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव दिया था। कोर्स शुरू करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी देश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी बन जाएगी, जो इस तरह के किसी विषय के बारे में पढ़ाएगी।


राज्यपाल के प्रस्ताव के बाद किया फैसला
राज्यपाल के प्रस्ताव के बाद ही यूनिवर्सिटी ने कोर्स को शुरू किया है। कोर्स में मातृत्व से जुड़ी 16 तरह की गतिविधियां सिखाई जाएंगी। प्रोग्राम मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए परिवार नियोजन और पोषण मूल्य पर जोर देगा। दरअसल, पिछले साल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने महाभारत के योद्धा अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए कहा था कि अभिमन्यु ने अपनी मां के गर्भ में रहकर ही युद्ध कला सीख ली थी। साथ ही यह भी दावा किया कि जर्मनी में एक संस्थान इस तरह का कोर्स करवाता है। 


3 महीने का सर्टिफिकेट और एक साल का होगा डिप्लोमा 
छात्रों और स्त्री रोग विशेषज्ञ ने इसे बेहतर और प्रैक्टिकल कोर्स बताया है। उनका मानना है कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है, ऐसे में अगर छात्रों को मातृत्व के बारे में पढ़ाया जाएगा, तो इससे हमारे देश के लिए एक स्वस्थ भविष्य बनेगा। इस योजना के लिए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा भी दिया जाएगा। तीन महीने के लिए इस योजना में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट और छह से एक साल तक इस योजना में आने वाले स्टूडेंट्स को डिप्लोमा दिया जाएगा।