दक्षिण कोरिया की के-लीग ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार को नया फुटबॉल सीजन रद्द कर दिया। के-लीग देश में प्रोफेशनल फुटबॉल का संचालन करती है। लीग ने इमरजेंसी बोर्ड मीटिंग के बाद एक बयान जारी कर कहा- देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एहतियातन हमने अस्थायी तौर पर देश में नए फुटबॉल सीजन को रद्द करने का फैसला किया है। हमारे लिए नागरिकों और खिलाड़ियों की सुरक्षा और सेहत सबसे अहम है। देश में कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है। इसलिए हमने यह फैसला लिया है। के-लीग के इस इस सीजन में 12 टीमों को हिस्सा लेना था और मुकाबले इस हफ्ते के आखिर में शुरू होने वाले थे।
अधिकारियों ने अब तक दक्षिण कोरिया में कोविड-19 के 763 मामलों की पुष्टि की है, इनमें से अधिकांश एक विवादास्पद धार्मिक संप्रदाय शिनचोन्जी से जुड़े हैं। अब तक हुई 7 मौतों में से पांच मरीज एक ही अस्पताल में भर्ती थे। उत्तरी शहर डेगू कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके कारण डेगू एफसी क्लब के मुकाबले पहले ही टाल दिए गए हैं।
कोरियन सुपर लीग 1983 में शुरू हुआ
के-लीग देश में प्रोफेशनल फुटबॉल का संचालन करती है। इसकी स्थापना 1983 में कोरियन सुपर लीग नाम से हुई थी। तब पांच क्लब इसका हिस्सा थे। इनके नाम हैलेलुजा एफसी, यूकॉन्ग एलीफेंट्स, पॉस्को डॉलफिन्स, डेवू रॉयल्स और कूकमिन बैंक एफसी। पहला सुपर लीग खिताब हैलेलुजा एफसी क्लब ने जीता था। 1998 में इसका पुनर्गठन हुआ और इसे के-लीग नाम मिला और पांच की बजाए 16 क्लब इसका हिस्सा बनें। शुरुआत में जो पांच क्लब सुपर लीग का हिस्सा थे, वे घटकर तीन रह गए।
2013 में के-लीग में डिवीजन सिस्टम की शुरुआत हुई
2013 में के-लीग में डिवीजन सिस्टम की शुरुआत हुई। पहली के-लीग क्लासिक तो सेकेंड डिवीजन के-लीग चैलेंज नाम से शुरू हुआ। हालांकि, एक जैसे नाम होने पर विवाद शुरू हो गया। इसे देखते हुए 2018 के सीजन में फर्स्ट डिवीजन को के-लीग 1 और दूसरी का नाम के-लीग 2 किया गया।